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What is Equity Fund in Hindi /Equity fund me invest kaise kare?

 What is Equity Fund in Hindi /Equity fund me invest kaise kare?

What is Equity Fund in Hindi


क्या आप निश्चित रूप से यह जानते हैं कि Equity Fund क्या है? आज के समय में काफी लोग यह जानना चाहते हैं कि Equity Fund का सही अर्थ क्या है। यह कितने प्रकार के होते हैं, और Equity Fund में निवेश कैसे किया जा सकता है।

What is Equity Fund in Hindi

अपनी इस वेबसाइट पर हम आपको इसके बारे में पहले ही बता चुके हैं कि म्यूच्यूअल फण्ड क्या है  और  इसमें निवेश कैसे करें

जैसा कि मैंने पहले के लेख में ही बताया था कि म्यूच्यूअल फण्ड मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं- Equity, Debt, और Hybrid फंड्स।

इसमें से Equity फण्ड, MF की वह विधि है जिसमें विशेषकर किसी कम्पनी के शेयर या स्टॉक्स में निवेश किया जाता है।

इन फंड्स को Growth Funds भी कहा जाता है। म्यूच्यूअल फण्ड में सबसे लोकप्रिय Equity Funds को ही माना जाता है।

तो आज हम लोग जानते हैं कि Equity Funds क्या हैं, और यह इतने लोकप्रिय क्यों हैं?

इक्विटी फण्ड क्या है (Equity Funds in Hindi)

सीधी और सरल भाषा में हम कह सकते हैं कि इक्विटी का मतलब है, किसी कम्पनी में उसके मालिक और निवेशक का पैसा।

इसे हम कुछ इस तरह से भी कह सकते हैं कि किसी कम्पनी में उसके मालिक और उसके निवेशक की हिस्सेदारी।

म्यूच्यूअल फण्ड के सन्दर्भ में हम कह सकते हैं कि इक्विटी फण्ड वह होता है, जिसमें निवेशकों का पैसा कंपनीज के शेयर में लगाया जाता है।

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड मैनेजर का काम यह है कि अपने निवेशकों का पैसा किन कंपनियों के शेयर में लगाया जाए, जिससे निवेशकों को अधिकतम लाभ दिलाया जा सके।

        

 

इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स के प्रकार (Type of Equity Mutual Funds)

भौगोलिक रूप से इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड चार प्रकार के माने जाते हैं-

1- इंटरनेशनल इक्विटी फंड्स-

यह वे इक्विटी फंड्स है जिसमें, निवेशक से पैसे जुटाकर विदेशी शेयर बाजार जैसे जापान या अमेरिका आदि के स्टॉक्स में सूचीबद्ध किसी कम्पनी के शेयर में निवेश किया जाता है।

2- ग्लोबल इक्विटी फंड्स-

इसमें निवेशकों के कुल पैसे का 80% विदेशी शेयर बाजार और 20% घरेलू शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। यह ग्लोबल इक्विटी फंड्स कहलाते हैं।

3- वर्ल्डवाइड इक्विटी फंड्स-

इसमें आपका फण्ड मेनेजर आपको कम समय में बेहतर रिटर्न देने के उद्देश्य से दुनिया के किसी भी शेयर मार्केट में पैसा लगा सकता है।

4- घरेलू इक्विटी फंड्स-

इस इक्विटी फंड्स में फण्ड मेनेजर अपने निवेशकों की रकम केवल घरेलू शेयर मार्केट में सूचीबद्ध कंपनीज के शेयरों में लगाते हैं।

Market Cap (बाजार में पूँजी) के आधार पर इक्विटी फंड्स के प्रकार

कैपिटल को संक्षिप्त रूप में कैप (Cap) कहा जाता है। मार्केट कैपिटल या कैप के आधार पर म्यूच्यूअल फण्ड को इस तरह से बांटा जा सकता है।

1- लार्ज कैप इक्विटी फंड-

स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध 100 सबसे बड़ी पूँजी वाली कंपनीज को लार्ज कैप कम्पनी कहा जाता है। लार्ज कैप इक्विटी फण्ड में ऐसी ही बड़ी कंपनियों के शेयर्स में पैसा लगाया जाता है। ऐसे फण्ड में निवेश करना कम जोखिम भरा होता है।

2- मिड कैप इक्विटी फण्ड-

मध्यम पूँजी वाली कम्पनी या यह कहा जाए कि ऐसी कंपनियां जो स्टॉक मार्केट में 101 से 200वें स्थान तक सूचीबद्ध हैं इन्हें मिड कैप कंपनी कहा जाता है इन कंपनीज में लार्ज कैप बनने की संभावना होती है इसलिए निवेश के हिसाब से ये  अच्छे रिटर्न वाले फण्ड माने जाते हैं

3- स्माल कैप फण्ड-

निम्न पूँजी वाले या स्माल कैप कंपनी में ग्रोथ बहुत अच्छा हो सकता है, या फिर कम्पनी के तेजी से डूब जाने की भी संभावना होती है। इसलिए इन्हें High Risk High Return फण्ड भी माना जाता है। यह फण्ड अधिक जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए जैकपॉट जैसा है।

4- माइक्रो कैप इक्विटी फंड-

बाजार में पूँजी के हिसाब से बहुत ही छोटी कम्पनी के शेयर में निवेश करने वाला म्यूच्यूअल फण्ड माइक्रो कैप इक्विटी फण्ड कहा जाता है। माइक्रो कैप का अर्थ है-उभरती हुई बहुत ही छोटी कम्पनी।

5- मल्टी कैप इक्विटी फण्ड-

ऐसे फण्ड जिसमें लार्ज कैप का बड़ा हिस्सा और कुछ मिड कैप कंपनीज के शेयरों में निवेश किया जाता है। उसे मल्टी कैप इक्विटी फण्ड कहा जाता है। इसमें जोखिम बंटकर कम हो जाता है, और अच्छा रिटर्न मिल पाता है।

अन्य इक्विटी फंड्स Other Equity Funds

ऊपर बताये गए इक्विटी फण्ड के अतिरिक्त कुछ अन्य महत्वपूर्ण इक्विटी फंड्स भी हैं जिसे जानना जरूरी है। जैसे-

1- सेक्टर फंड्स-

किसी सेक्टर विशेष के शेयर्स में ही निवेश करना सेक्टर फंड्स कहलाता है। इसमें किसी चयनित क्षेत्र की कम्पनी के शेयर में ही निवेश किया जाता है। जैसे फार्मा सेक्टर फंड्स में केवल फार्मा कंपनीज के शेयर्स में ही निवेश किया जाता है। ऐसे फंड्स में रिटर्न तो अच्छा मिलने की संभावना होती है, पर साथ ही जोखिम भी अधिक होता है। उचित यही होगा कि इन फंड्स में अपनी कमाई का एक छोटा हिस्सा ही निवेश करना चाहिए।

2- ELSS ( इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम ) Tax Saving Funds

टैक्स सेविंग फण्ड या ELSS में निवेश करना आयकर में छूट प्राप्त करने का भी एक तरीका है। इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत कर में छूट प्रदान की जाती है।

इस फण्ड में 1.5 लाख रुपये सालाना निवेश तक आयकर में छूट मिलती है। इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम या ELSS में 3 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है।

लॉक-इन पीरियड का मतलब है कि इसमें निवेश की गई तिथि से अगले तीन वर्ष तक पैसा निकाला नहीं जा सकता है।

3- डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स-

यह ऐसे फंड्स हैं जिनमें निवेश के अनेक विकल्प उपलब्ध होते हैं, क्योंकि यह फंड्स किसी विशेष सेक्टर या कैप वाले शेयर्स में निवेश नहीं करते है, बल्कि अलग-अलग आकार और सेक्टर की कंपनीज में निवेश करते हैं।

इक्विटी फंड्स में निवेश का तरीका

आज के इन्टरनेट युग में Equity Funds में निवेश करना बहुत ही सरल है। अब आप स्वयं ऑनलाइन निवेश प्रारंभ कर सकते हैं। यदि आप इस मार्किट में नए है तो किसी एजेंट या ब्रोकर की सहायता ली जा सकती है।

इसके लिए एच. डी. एफ. सी., एस. बी. आई., या आदित्य बिरला जैसी किसी भी म्यूच्यूअल फंड्स की वेबसाइट पर जाकर अकाउंट बनाया जा सकता है, और निवेश प्रारम्भ किया जा सकता है।

इसके लिए आपको KYC डाक्यूमेंट्स और बैंक डिटेल आदि देनी होती है, जो निवेश के समय काम आती है।

डायरेक्ट इन्वेस्ट करने पर आप खुद निर्णय लेते हैं कि किस फण्ड को कब खरीदना और बेचना है। डायरेक्ट निवेश करके आप ब्रोकर को दी जाने वाली फीस बचा लेते हैं, और आपके लम्बे समय के रिटर्न पर अच्छी खासी रकम बच जाती है।

निवेश करने के लिए Best Equity Funds

जब भी नए लोग निवेश प्रारंभ करना चाहते हैं, तब उनके सामने जटिल प्रश्न होता है कि किस फण्ड में निवेश करें। ऐसे में हम आपको कुछ Equity Funds की सूची दे रहे हैं। जिनका पिछले कई वर्षों से अच्छे रिटर्न का रिकॉर्ड रहा है।

कुछ ऐसे फंड्स जो 5 से 10 वर्ष तक निवेश करने पर लाभदायक हो सकते हैं-

SBI Blue-chip fund Direct Growth

Axis Mid Cap Fund Direct Growth

HDFC Multi Cap Funds

SBI Small Cap Funds Direct Growth

Aditya Birla Sun life Tax Relief 96 Fund (ELSS)

निवेश करने से पहले उस कम्पनी का पोर्टफोलियो अवश्य चेक कर लें कि उसका ट्रैक रिकॉर्ड कैसा रहा है।

यदि आप निर्णय लेने में सहज ना हों तो किसी वित्तीय एडवाइजर की सहायता लेने में संकोच ना करें, और पूर्ण रूप से संतुष्ट होने पर ही इक्विटी फंड्स में निवेश करें।

मुझे विश्वास है कि यह आर्टिकल इक्विटी फण्ड क्या है  (What is Equity Fund in Hindi) आपको पसंद आया होगा।
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