आज इस लेख के माध्यम से आपको बताने वाला हूँ लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप क्या है । Large Cap Mid & Small Cap in Hindi 2023 की सारी जानकारी के लिए आपको इसे अंत तक पढ़ना होगा।
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Large Cap Mid & Small Cap in Hindi 2023 |
आज हम लोग मार्किट कैप पर आधारित तीन महत्वपूर्ण कांसेप्ट को समझेंगे। इससे मार्केट कैप और कंपनीज की कैटेगरी के आधार पर लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप के बारे में आपकी समझ बेहतर हो पाएगी।
लेख अनुक्रम
Large Cap Mid Cap Small Cap
लार्ज कैप मिड कैप और स्मॉल कैप का निर्धारण किस प्रकार होता है
मार्केट कैप के प्रकार (Type of Market Cap)
What is Large Cap लार्ज कैप क्या है
लार्ज कैप कंपनी के उदाहरण–
What is Mid Cap मिड कैप क्या है
मिड कैप कम्पनी के उदाहरण–
What is Small Cap स्मॉल कैप क्या है
स्माल कैप कम्पनी के उदाहरण–
Large Cap Mid Cap Small Cap
भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज संचालित हैं; जिनमे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE में 1600 से ज्यादा कम्पनीज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE में 5000 से ज्यादा कंपनीज सूचीबद्ध हैं।
इक्विटी फंड में निवेश करने के लिए और निवेश में एकरूपता बनाए रखने के लिए सेबी ने कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर इसे तीन भागों में बाटा है। यह है लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप
AMFI (एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड इन इंडिया) ऐसे स्टॉक की सूची बनाती है, जिसे म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए प्रयोग किया जाता है।
AMFI वर्ष में दो बार (जनवरी और दिसंबर में) इस सूची को कंपनियों के फुल मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर अपडेट करती रहती है। सूची के अपडेट होने का मतलब है कि अगली सूची में लार्ज कैप, मिड कैप बन सकता है या फिर स्मॉल कैप भी मिड कैप बन सकता है।
लार्ज कैप मिड कैप और स्मॉल कैप का निर्धारण किस प्रकार होता है
इसे समझने के लिए हमें मार्केट कैपिटलाइजेशन के बारे में समझना जरूरी है। जो भी कंपनी शेयर मार्केट में सूचीबद्ध होती है; उसका एक शेयर प्राइस होता है, और उसके कुल आउटस्टैंडिंग शेयर होते हैं।
हम किसी कंपनी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन इस तरह से निकाल सकते हैं-
कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन = 1 शेयर का मूल्य x कुल आउटस्टैंडिंग शेयर
इस तरह से हम कह सकते हैं कि यदि किसी को कोई कंपनी खरीदनी है, तो उसे उस कंपनी के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन के बराबर पैसे खर्च करने होंगे।
मार्केट कैप के प्रकार (Type of Market Cap)
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने 6 अक्टूबर 2017 को एक सर्कुलर जारी किया। इसके अनुसार सेबी ने सभी म्यूच्यूअल फंड स्कीम्स के लिए तीन प्रकार के कैप का निर्धारण किया गया है।
What is Large Cap लार्ज कैप क्या है
कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन के अनुसार 1 से 100 नंबर तक की कंपनी को लार्ज कैप कहा जाता है। निफ़्टी 100 इंडेक्स में इन कंपनियों के नाम देखे जा सकते हैं।
आमतौर पर ऐसी कंपनियों का मार्किट कैप 10000 करोड़ से अधिक होता है।
सभी कंपनियों का 75% हिस्सा इन्हीं 100 लार्ज कैप कंपनियों के पास है। इसका मतलब है शुरुआत की 100 लार्ज कैप कंपनीज़ वास्तव में बहुत बड़ी कंपनियां है।
यह कंपनी पहले से ही बहुत बड़ी होती हैं और अपने विकास के चरम पर होती हैं। ऐसे में इनके दुगना विस्तार करने में काफी समय लग सकता है या इनके बहुत ज्यादा विस्तार की संभावना कम होती है। इसलिए इनका रिटर्न भी मॉडरेट रहता है।
इसमें निवेश किया गया धन काफी सुरक्षित होता है; इसके साथ ही इनमें निवेश जोखिम भी कम रहता है।
मार्केट गिरने पर भी इनके स्टॉक कम गिरते हैं, क्योंकि यह बहुत बड़ी कंपनीज होती है। शेयर खरीदार और बेचने वालों की संख्या पर्याप्त होने के कारण लार्ज कैप में लिक्विडिटी बनी रहती है। स्टॉक मार्केट के उतार चढ़ाव का इन पर कम असर होता है।
लार्ज कैप कंपनीज को ब्लू चिप भी कहा जाता है। यदि हम Blue Chip की बात करते हैं, तो इसका आशय है, NSE में सूचीबद्ध 1 से 100 तक की कंपनी Blue Chip है।
लार्ज कैप कंपनी के उदाहरण–
अम्बुजा सीमेंट
अशोक लेलैंड
एशियन पेंट्स
अरबिन्दो फार्मा
avenue supermart
रिलायंस
टीसीएस
इंफोसिस
आईसीआईसीआई
L&T आदि
What is Mid Cap मिड कैप क्या है
निफ़्टी 150 मिड कैप इंडेक्स में अगले 150 कंपनी के नाम देखे जा सकते हैं। इसका मतलब है कि नेशनल स्टॉक मार्केट में 101 से 250 नंबर तक की कंपनी को मिड कैप कहा जाता है।
मिडकैप का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 13.5% है। मिडकैप कम्पनियाँ ही आगे चलकर लार्ज कैप बनती हैं। इस तरह ग्रोथ के ज्यादा अवसर होने के कारण इसमें लार्ज कैप की तुलना में अधिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है।
अगर मार्केट नीचे जाता है तो मिड कैप के स्टॉक भी तेजी से नीचे जाते हैं। इसलिए इसमें लार्ज कैप की तुलना में रिस्क भी ज्यादा होता है।
यदि लिक्विडिटी और मार्केट में उतार-चढ़ाव की बात करें तो यह स्माल कैप की तुलना में कम और लार्ज कैप से ज्यादा होता है।
मिड कैप कम्पनी के उदाहरण–
ADANIPOWER
ALKEM
ASTRAL
ESCORTS
GLAXO
GLENMARK
GODREJIND
अपोलो टायर्स, आदि
What is Small Cap स्मॉल कैप क्या है
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 251 नंबर से आगे तक की सारी कंपनियों को स्माल कैप कहा जाता है।
स्मॉल कैप कंपनीज को निफ़्टी 250 इंडेक्स में देखा जा सकता है। इसे nseindia.com पर देखा जा सकता है।
स्मॉल कैप की कुल मार्केट भागीदारी लगभग 7% है। रिटर्न की क्षमता सबसे अधिक स्मॉल कैप की ही होती है। साथ ही रिस्क या जोखिम भी सबसे अधिक इसी में होता है।
मार्केट गिरने पर सबसे अधिक यही स्टॉक प्रभावित होते हैं। स्मॉल कैप में 25 से 30% तक गिरावट भी देखने को मिल जाती है, और 1 दिन में इतने ही शेयर प्राइस बढ़ भी जाते हैं।
वित्तीय संस्थाओं की रूचि कम होने एवं खरीदारों की कमी के कारण इसमें लिक्विडिटी कम होती है।
इनके शेयर के मूल्य में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक पाया जाता है। स्मॉल कैप, मिड कैप बन सकती है; और मिड कैप, लार्ज कैप बन सकती हैं; या फिर उसका उल्टा भी हो सकता है।
स्माल कैप कम्पनी के उदाहरण–
CDSL
BIOCON
CRISIL
CENTURYPLY
FORTIS
IDFC
JKTYRE
PVR
Radico
बॉम्बे डाइंग, आदि।
(नोट- कंपनीज की सूची परिवर्तनशील है और समय-समय पर अपडेट होती रहती है)
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आशा करता हूँ कि इस जानकारी से Large Cap Mid Cap Small Cap in Hindi 2023 के बारे में आपकी समझ को और बेहतर बनाने में सहायता मिली होगी।
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